आशा और रिकवरी की मेरी यात्रा – स्ट्रोक और वाचाघात के बाद मेरी आवाज़ का पुनर्निर्माण ( Story of an Aphasia Affected)

आशा और रिकवरी की मेरी यात्रा – स्ट्रोक और वाचाघात के बाद मेरी आवाज़ का पुनर्निर्माण ( Story of an Aphasia Affected)

राजेश अरोड़ा- एक्यूट इस्केमी सीवीए- लेफ्ट एमसीए, इन्फार्कट, राइट हेमिपैरिसिस, एक्यूट कंडक्शन एपेशिया (Aphasia, वाचाघात), थ्रोम्बोलाइज्ड विथ IV अल्टेप्लेस।

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सभी को नमस्कार! मैं राजेश अरोड़ा हूं, और मैं अपनी कहानी आपके साथ साझा करना चाहता हूं।

वाचाघात एक ऐसी स्थिति है जो बोलने और संवाद करने की हमारी क्षमता को प्रभावित करती है। स्ट्रोक के बाद तकरीबन ३५ % प्रतिशत मरीज़ों को वाचाघात ( अफेज़िआ / Aphasia ) होता है। फिर भी इसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है।

इस लेख में मैं आपको स्ट्रोक का अनुभव करने के बाद आशा और रिकवरी की अपनी यात्रा के बारे में बताऊंगा। मुझे आशा है कि मेरे अनुभव और मेरे द्वारा साझा की जाने वाली युक्तियां स्ट्रोक से बचे अन्य लोगों को उनकी आवाज को फिर से हासिल करने के लिए प्रेरित और मार्गदर्शन कर सकती हैं।

एक स्ट्रोक ने मेरी जिंदगी बदल दी !

2016 में मैं व्यवसाय और कार रैली रेसिंग में शामिल एक सक्रिय व्यक्ति था। इसके अलावा मुझे एडवेंचर, ट्रैवलिंग, ड्राइविंग, स्पीड और एक्शन पसंद है। मेरे परिवार और दोस्तों में मैं रॉकस्टार और टाइगर कहलाया जाता हूँ ।

फिर एक दिन मुझे ब्रेन स्ट्रोक हुआ। स्ट्रोक ने मेरे दिमाग के बाएं हिस्से को प्रभावित किया, जिससे मेरे शरीर के दाहिने हिस्से में कमजोरी आ गई और मैंने बोलने, याददाश्त और ताकत को पूरी तरह से खो दिया। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए अचानक और जीवन बदलने वाला परिवर्तन था। सारे दैनिक कामों के लिए मैं अचानक दूसरों पर निर्भर हो गया। ।तकरीबन दो साल तक मैं कुछ भी बोल नहीं पाया न ही बगैर मदद के चल पाया। उस दौरान मैं काफी उदास रहा। ऐसा लगता था मानो मैं “म्यूट” पर हो गया हूँ !

अस्पताल से वापस आने के बाद मैंने स्पीच और फिजियो थेरेपी शुरू की। मैंने प्रतिदिन लगभग 3-4 बार सिर्फ स्वरों का अभ्यास किया- हिंदी और अंग्रेजी दोनों और खेल। इस तरह मेरे भाषण में सुधार हुआ। आज मैं बात कर सकता हूं लेकिन थोड़ी मुश्किल से। मैं आज स्वतंत्र हूं और अपना सारा काम और व्यक्तिगत देखभाल खुद कर सकता हूं।

मैं अपना अनुभव साझा करूंगा और मैंने क्या किया ताकि अन्य वाचाघात के मरीज़ भी अपनी स्थिति में सुधार करने के लिए ऐसा ही कर सकें।

1. स्वरों का अभ्यास करना: मैंने स्वरों के सही उच्चारण का अभ्यास करने का निश्चय किया।
2. जीभ, होंठ और गर्दन के व्यायाम: मैं भाषण उत्पादन में शामिल मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम करता हूं।
3. स्वर मिश्रण: अलग-अलग स्वर ध्वनियों से उन्हें एक साथ मिलाने से मेरे भाषण की स्पष्टता में सुधार हुआ।
4. छोटे शब्दों से शुरू करना: मैंने धीरे-धीरे दो या तीन-अक्षरों के शब्दों का अभ्यास करना शुरू किया।
5. जोर से बोलना: मैंने अपनी आवाज को मजबूत करने के लिए जोर से बोलने पर ध्यान केंद्रित किया।
6. जोर से पढ़ना: ज़ोर से पढ़ना और शब्दों का उच्चारण करना स्पष्ट रूप से मेरे पढ़ने के कौशल को बेहतर बनाने में मदद करता है।
7. जोर से गाना: मेरे भाषण नियंत्रण और स्पष्टता को बढ़ाने के लिए गाना एक मजेदार और फायदेमंद तरीका बन गया।
8. रिकॉर्डिंग और सुनना: मैंने अपनी प्रगति को ट्रैक करने के लिए खुद को बोलते हुए रिकॉर्ड किया और वापस सुना।
9. दिमाग का अभ्यास : गणित की समस्याओं को हल करने जैसे मानसिक अभ्यासों में शामिल होने से मेरी संज्ञानात्मक शक्ति को बेहतर बनाने में मदद मिली।
10. लिखना और बुदबुदाना: मैंने लिखने का अभ्यास किया और धीरे-धीरे जाने-पहचाने नामों या कहानियों को ज़ोर से कहने लगा।
11. जाप और मंत्र: दोहराए जाने वाले स्वर, जैसे “ओम” का जाप, एक उपयोगी भाषण अभ्यास बन गया।
12. खुशी को गले लगाना: मैंने सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने और रिकवरी प्रक्रिया का आनंद लेने पर ध्यान केंद्रित किया।
13. स्वतंत्रता प्राप्त करना: अपने दम पर काम करने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने से मेरे आत्मविश्वास को फिर से हासिल करने में मदद मिली।
14. बाहरी दुनिया की खोजः बाहर घूमना, मॉल, पार्क और कार्यस्थलों जैसी जगहों पर जाना, सामाजिक संपर्क को सुगम बनाता है।
15. कला और संगीत में संलग्न होना: ड्राइंग, रंग भरने और संगीत बजाने जैसी रचनात्मक गतिविधियों ने मेरे दिमाग को और शक्ति दी।
16. पेशेवर सहायता की तलाश: भाषण चिकित्सक और पेशेवरों ने अमूल्य मार्गदर्शन और चिकित्सा प्रदान की।
17. धैर्य विकसित करना: मैंने यह समझना सीखा कि दूसरों को शुरू में मेरे भाषण को समझने में कठिनाई हो सकती है, और मैं धैर्यवान बना रहा।
18. ब्रेन गेम्स और ऐप्स के साथ जुड़ना: भाषा और संज्ञानात्मक प्रशिक्षण के लिए डिज़ाइन किए गए स्मार्टफ़ोन ऐप और गेम मेरी रिकवरी में मूल्यवान उपकरण बन गए। गेम और एप्लिकेशन जैसे Wordwrap, Five Free, Free Cell, Words Search, Word Zone, Constant Therapy, Elevate Brain Training, Brain Game – Left And Right, wordwall.net, google translate आदि का मैंने बहुत इस्तेमाल किया ।

सारांश

वाचाघात (अफेज़िआ / Aphasia) के साथ रहना मुश्किल हो सकता है, लेकिन धैर्य, समझ और सही अभ्यास और प्रोत्साहन के साथ वाचाघात के मरीज़ अपने संचार कौशल में सुधार कर सकते हैं और अपना आत्मविश्वास पुनः प्राप्त कर सकते हैं। मेरी सफलता दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत का परिणाम है। इन्हीं के माध्यम से मैंने फिर से संवाद करने और स्वतंत्र रूप से जीने की क्षमता हासिल करी है। मैं आशा करता हूँ कि मेरा अनुभव अन्य वाचाघात के मरीज़ो को प्रेरित करेगा। याद रखें, अभ्यास, धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ हम अपने सामने आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं और एक उज्जवल भविष्य बना सकते हैं। अभ्यास करते रहें और धैर्य रखें, इससे पहले कि आप इसे जानें, आप अपनी वाणी को ठीक कर लेंगे!

प्यार और सद्भावना सहित

राजेश अरोड़ा

आज मैं तकरीबन कैसा हूं यह जानने के लिए यह वीडियो देखिए । निःसंदेह प्रत्येक दिन सुधार का दिन है!

यह पोस्ट हमारे जुलाई २०२३ के समाचारपत्र में भी प्रकाशित हुई है। हमारे समाचारपत्रों के लिए यहाँ क्लिक करें।

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* Be fast – Stroke Symptoms in English with Videos of Actual Strokes

* स्ट्रोक (आघात) – हिंदी में कुछ जानकारी
* स्ट्रोक-के-साधारण-लक्षण
* In Bengali – Be Fast – দ্রুত !

* In Gujarati – જ્યારે સ્ટ્રોક આવે ત્યારે BE FAST
* In Marathi – BE FAST स्ट्रोक होतो तेव्हा !
* In Odiya – ଷ୍ଟ୍ରୋକ: ମୃତ୍ୟୁ ଅଥବା ଶାରୀରିକ/ମାନସିକ ଅସମର୍ଥ