स्ट्रोक और टीबीआई (TBI ) के मरीज़ों के लिए कुछ विचार

स्ट्रोक और टीबीआई (TBI ) के मरीज़ों के लिए कुछ विचार

प्रस्तुत है श्री गोपी तेजवानी का इस विषय पर एक लेख । तेजवानी जी हमारे एक जूम मीटअप में आये थे। हमारे चैट की रिकॉर्डिंग यहां मिल सकती है। उन्होंने दूसरों की मदद करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए अपने अनुभवों पर एक किताब भी लिखी है। इसका शीर्षक है: “I Survived 12+ Years After a Stroke and You Can Too: Stroke Recovery Through Rehabilitation ” “। आप इस लिंक के माध्यम से इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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डॉक्टर तेजवानी बोलते हैं :

 मुझे तकरीबन 62 साल की उम्र में और करीब 13 साल पहले एक स्ट्रोक हुआ ।  यह मेरे ब्रेन स्टेम ( brain stem ) में था। मैं 2 हफ्ते कोमा में रहा 7 हफ्ते अस्पताल रहा , 3 महीने व्हील चेयर पर रहा और 6 महीने काम से छुट्टी पर रहा । तकरीबन 3 साल मैं चिकित्सकों के सहारे जैसे कि फिजियोथैरेपी इत्यादि लेता रहा। भगवान की दया, परिवार और दोस्तों का प्रोत्साहन और कड़ी मेहनत से मैं अब काफी ठीक हूं। मैं सामान्य जीवन व्यतीत करता हूं हालांकि थोड़ी धीमी गति से। मेरे शरीर का दाहिना हिस्सा अभी भी कमजोर है और दाहिना हाथ बहुत कम काम करता है। मैं अपने बाएं हाथ और पैर से एक गाड़ी को चला सकता हूं जो कि मॉडिफाइड है। मैं अब 75 वर्ष का हूं और अभी भी एक प्रमुख यूनिवर्सिटी में पार्ट टाइम पढ़ाता हूं।  अपने दाहिने पैर को मजबूत करने के लिए मैं हर दिन 1 घंटे चलता हूं। स्ट्रोक रिकवरी    के मेरे अनुभव दूसरों के काम आए इसलिए मैंने एक पुस्तक भी लिखी है जो कि अमेजॉन पर उपलब्ध है । कुछ सारांश मैं यहां दे रहा हूं।

1. ठीक होने में कभी हार ना मानें

 यह सही है  कि स्ट्रोक के बाद अचानक आपको एहसास होता है कि पहले की तरह आप ऊर्जावान और स्वतंत्र नहीं है।   निराश होना और जीवन को स्वतंत्र बनाने के अपने प्रयासों को छोड़ना आसान है। लेकिन यह समय हार मानने का नहीं बल्कि इसके बजाय कड़ी मेहनत करने  का है ।

2. लेखन का अभ्यास करते रहें 

 मेरी  स्ट्रोक शोक की एक सबसे दुखद बात यह थी की दाहिने हाथ में ऐठन के कारण मैं कुछ भी लिख नहीं पाता था। लेकिन महीनों तक में दाहिने हाथ से प्रयास करता रहा तकरीबन आधा घंटा हर दिन इस महीनों के अभ्यास के बाद जब मैं अपना नाम ठीक से लिख पाया तो यह मेरे जीवन की सबसे रोमांचक बात थी

3. बारह साल बाद, मैं अभी भी चलने का अभ्यास करता हूं

 एक दूसरी बहुत निराशाजनक चीज चल नहीं पाना था। हालांकि व्हीलचेयर से बहुत मदद मिलती थी लेकिन उसको इस्तेमाल करना भी आसान नहीं था। तो मैं जल्दी से जल्दी व्हीलचेयर से छुटकारा  पाना चाहता था। जब तकरीबन 3 महीने बाद मैं थोड़ा चलने लगा तो मैंने और भी कोशिश करी और रोजाना एक घंटा चलना शुरू कर दिया जो कि मैं अब तक करता हूं।

4. फिर से ड्राइविंग सीखना

एक और बहुत बड़ी समस्या गाड़ी नहीं चला पाना था। सौभाग्य से, पुनर्वास अस्पताल ने स्ट्रोक से बचे लोगों को ड्राइविंग सिखाने के लिए एक प्रशिक्षक की सुविधा प्रदान की। इसमें सालों लग गए, और यह सस्ता नहीं था, लेकिन जब मुझे फिर से एक नया ड्राइविंग लाइसेंस मिला (कुछ प्रतिबंधनो के साथ)  , तो  यह  सचमुच एक बहुत अच्छा एहसास था।

5.  चलने के लिए छड़ी के उपयोग में कभी भी संकोच न करें

स्ट्रोक ने मेरे शरीर के दाहिने हिस्से को   कमजोर  बना दिया  था और इसलिए ठीक से चलने की मेरी क्षमता  कम हो गई थी। अस्पताल से छूटने के तीन महीने बाद मैंने व्हीलचेयर का उपयोग करना बंद कर दिया। लेकिन दाहिना पैर 100% ठीक नहीं हुआ था ।  लेकिन छड़ी का इस्तेमाल करके मैं काफी दूर तक आसानी से चल सकता था । एक छड़ी अधिक स्थिरता   देती है जब कोई रेलिंग उपलब्ध नहीं होती है , सीढ़ियों पर भी चलने में मदद करती है और शरीर को संतुलित  रखती है। इसलिए छड़ी को इस्तेमाल करें ।

6. कंप्यूटर फिर से सीखना

मेरे स्ट्रोक के बाद मेरे कमजोर दाहिने हाथ से पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग करना असंभव था। अचानक मुझे एहसास हुआ कि हम पर्सनल कंप्यूटर पर कितने निर्भर हो गए हैं। मेरे बाएं हाथ से पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग करने में कई सप्ताह लग गए। मेरे पास अभी भी अपने दाहिने कमजोर हाथ से कंप्यूटर को इस्तेमाल करने का धीरज नहीं है। 

7. मेरे ठीक होने और जीवित रहने का श्रेय किसे जाता है ?

एक स्ट्रोक के मरीज  या मस्तिष्क की क्षति (टीबीआई) से पीड़ित व्यक्ति को ठीक होने के लिए दोस्तों और परिवारों से भावनात्मक समर्थन और शारीरिक मदद की जरूरत है, खासकर जीवनसाथी से। जीवनसाथी को जीवन में अपार धैर्य, दृढ़ता और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना होगा। मैं बहुत भाग्यवान हूं कि मेरी पत्नी में यह गुण हैं ।

8.कभी भी दो स्ट्रोक की तुलना न करें 

कोई भी दो स्ट्रोक एक समान नहीं होते हैं।   दिमाग के अलग-अलग क्षेत्रों में और अलग-अलग नुकसान के कारण  हर स्ट्रोक दूसरे से अलग है ।  स्ट्रोक के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं जैसे कि इस्कीमिया या रक्त स्त्राव के कारण स्ट्रोक ।   हर मरीज का अपना व्यक्तित्व, इच्छा शक्ति और  पारिवारिक स्थिति भी अलग होती है।इसीलिए कुछ मरीज जल्दी ठीक होते हैं और कुछ काफी देर के बाद ।  स्ट्रोक के जादुई उपचार में कभी विश्वास ना करें।

9. अधिकांश स्ट्रोक और टीबीआई  के मरीज  जल्दी क्रोधित या भावनात्मक हो जाते  हैं

 स्ट्रोक कुछ ही क्षणों में एक व्यक्ति का जीवन बदल देती है। उसकी निर्भरता दूसरों पर बहुत बढ़ जाती है और वह बच्चे जैसे हो जाते हैं। मस्तिष्क के नुकसान के कारण भी कई चीजें बाहर नहीं दिखती हैं। हालांकि समय के साथ बहुत सुधार होता है और ऐसी भावनाएं भी कम हो जाती हैं लेकिन ऐसे मरीजों के साथ बहुत धैर्य भी रखने की आवश्यकता होती है।

10. स्ट्रोक या टीबीआई के मरीज अमूमन “मुझे ऐसा क्यों हुआ “ सोचते हैं

क्योंकि स्ट्रोक अचानक होता है तो यह साधारण भी है। व्यक्ति सोचता है कि मैं क्या अलग कर सकता था ? मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ ? भगवान ने मेरे साथ ऐसा अन्याय क्यों किया ? मैंने क्या गलत किया था ?  लेकिन इन सवालों पर समय बर्बाद करने से बेहतर है कि ठीक होने के लिए कड़ी मेहनत करें । उन सवालों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं है।

11. स्ट्रोक के लिए कोई दवा नहीं है

आपको उच्च रक्तचाप, मधुमेह, या तनाव जैसी  बीमारियों को कम करना होगा। या रिहैबिलिटेशन के माध्यम से अंगों की कमजोरी,  बोलने की कमजोरी,  खाना निगलने की कमजोरी  इत्यादि को  समझना और उन से निजात पाने के लिए मेहनत करनी होगी।  यह समझिए कि कोई जादू की गोली नहीं है।  बहुत कड़ी मेहनत और अनुशासन से ही आप इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं। 

12. यह एक पुनः सीखने की प्रक्रिया है

एक स्ट्रोक मरीज को कई चीजें जैसे कि बात करना,समझना, लिखना ,बोलना फिर से और नए तरीके से सीखना पड़ सकता है।। इसमें देखभाल करने वालों को भी बहुत मेहनत और धैर्य रखना होगा जैसे कि बच्चों को सिखा रहे हैं। यह तो समझा जा सकता है कि एक व्यस्क जो अपनी जिंदगी जी रहा था और जिसको काफी आदतें पड़ चुकी है यह सब चीजें सिखाना इतना आसान नहीं है। इसमें स्ट्रोक मरीजों और उनके परिवारजनों दोनों को काफी धैर्य रखना होगा

13. पुनर्वास के लिए अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल करें   

यह तरीके संज्ञानात्मक , व्यावसायिक और शारीरिक पहलुओं के हिसाब से भिन्न भिन्न हो सकते हैं ।  जितनी जल्दी आप यह कोशिशें शुरू करते हैं उतना ही बेहतर होगा। लगातार प्रयास से ही बेहतर रिकवरी होती है । इस बात की चिंता न करें कि कोई आपकी मदद कर रहा है और आप उस पर बोझ हैं। यह पारिवारिक सहायता का उपयोग करने और पारिवारिक मूल्यों  को इस्तेमाल करने का समय है। हमेशा परिवार के सदस्य पहले आते हैं।

14. एएफओ, ब्रेसिज़ और  चलने वाली छड़ी आपके  लिए जरूरी हो  सकते हैं

 इन सब से आप अपने शरीर को स्थिर कर सकते हैं। मैं अपने स्ट्रोक के 12 साल बाद भी अपने दाहिने पैर में एएफओ ( AFO) और एक   छड़ी का उपयोग करता हूं।  कुछ लोग तो कहते हैं कि मैं छड़ी से स्मार्ट दिखता हूं !  ऐसी चीजों का इस्तेमाल करने में  शरमाए नहीं। यह सब चीजें आपको गिरने से  बचाएंगी और पछताने से सावधान रहना बेहतर है।

15. आपके घर  में कुछ चीजों को बदलने की आवश्यकता हो सकती है

ग्राउंड फ्लोर में एक बाथरूम शायद आपके लिए बनाना पड़े या उसमें कुछ सुधार करना पड़े जैसे कि उठने और बैठने के लिए पकड़ने के लिए  बार ( Bar)। आपको घर के सामने रैंप की जरूरत पड़ सकती है।

16. अकस्मात व्यवहार और तेज हिलने डुलने से बचें  

हमेशा पहले सोचें, और कुछ करने से पहले एक गहरी सांस लें। थोड़ा धैर्य रखें। इससे पहले कि आप एक असमान सतह पर चलें या अपना बिस्तर छोड़ दें, अपनी सुध बुध संभालें और गिरने से  बचने के लिए अपने आसपास देखें । अपने परिवेश को समझने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृपया जागने के तुरंत बाद कुछ और मिनट बिस्तर पर ही बिताएं।

17. आप अपनी नींद खो सकते हैं

स्ट्रोक के बाद अगर आप 6 घंटे भी अच्छा  सो लें तो इसको आशीर्वाद  समझे । क्योंकि अधिकांश स्ट्रोक और टीबीआई  के मरीज उतनी सख्ती से काम नहीं करते जितना वे स्ट्रोक से पहले करते थे,  उन्हें अच्छी नींद के लिए रोजाना शारीरिक व्यायाम करना पड़ सकता है। नींद की कुछ तकनीकें सीखें। अच्छी चिकित्सा और कसरत के लिए, आपको अच्छी नींद और एक स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है। अनावश्यक चिंताजनक विचारों से अपने को अलग रखें और दैनिक व्यायाम करें। एक शान्त  दिमाग बेहतर नींद में मदद करता है। 

18. आपको फाइबर सेवन की आवश्यकता हो सकती है

स्ट्रोक हमारी आंत  की मांसपेशियों को भी प्रभावित करता है। हो सकता है कि वे पहले की तरह काम न करें। आप कब्ज से पीड़ित हो सकते हैं। अधिक फल और सब्जियां, साबुत अनाज,  अर्ध-पके, या पके नाशपाती खाकर अपने फाइबर का सेवन बढ़ाएं। मैं व्हीट डेक्सट्रिन (कॉस्टको से ऑप्टिफाइबर) भी रोजाना लेता हूं।

19. आपको दोहरी दृष्टि हो सकती है

जब मैं पुनर्वास अस्पताल में था, मेरे कमरे में दीवार पर केवल एक पेंटिंग लटकी हुई थी। लेकिन मैं  एक पेंटिंग को दूसरी पर चढ़ी देखता था और हैरान होता था कि इस तरह पेंटिंग्स क्यों लटकी हुई हैं ! मुझे नया चश्मा बनाना पड़ा है और लगभग छह महीने में मेरी समस्या अपने आप हल हो गई। किसी भी ऐसी समस्या को नेत्र विशेषज्ञ को  बताएं ।वह आपकी समस्या को समझ कर उसका समाधान बता सकता है ।

20. स्ट्रोक से उबरना

परिवार और दोस्तों से मिली मदद स्ट्रोक के उबरने में बहुमूल्य है। भगवान में आपका विश्वास आपकी मदद कर सकता है। चिकित्सा में आपकी कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास आपके ठीक होने में तेजी लाएंगे। जितनी अधिक शारीरिक गतिविधि आप स्वयं कर सकते हैं उतना बेहतर है। लेकिन अगर दूसरों की मदद से यह गतिविधि सुरक्षित होती है तो मदद मांगने में भी हिचक ना करें। यह परिवार की मदद और आपके दृढ़ संकल्प का समय है। हमेशा सर्वशक्तिमान पर विश्वास करें, यह आपके ठीक होने में तेजी लाएगा।

21. हो सकता है आप कुछ कार्य नहीं कर पाएं

मेरे लिए दौड़ने (कमजोर दाहिना पैर के कारण), तैराकी (कमजोर दाहिना पैर और हाथ  के कारण), और पूरा हाथ से  पत्र लिखने के दिन खत्म हो गए हैं। मैं अपने स्मार्टफोन पर एक हाथ से टाइप कर सकता हूं या वॉयस डिक्टेशन डिवाइस का उपयोग कर सकता हूं । यह भी एक आशीर्वाद है ।

22. विकलांग लोगों के लिए सार्वजनिक परिवहन लेना सीखें

मैं विकलांग लोगों के लिए सेंट्रल ओहियो ट्रांजिट अथॉरिटी (COTA) मेनस्ट्रीम बस सेवा जैसी बस सेवाओं से अवगत नहीं था, और इसके बजाय दोस्तों की मदद पर निर्भर था । अब मैं सोचता हूं कि मैं स्ट्रोक से बचने के पहले चरण में विकलांग लोगों के लिए बने इस सार्वजनिक परिवहन पर  और निर्भर हो सकता था और खुद स्वतंत्र भी बन सकता था। अगर आपके आसपास ऐसी सेवाएं हैं तो उनका इस्तेमाल करना सीखें ।

23. आपकी खुशी आपके हाथों में है

जीवन में हमेशा सकारात्मक मानसिक दृष्टिकोण रखें। कप को आधा खाली की बजाय आधा भरा देखना सीखें। एक सकारात्मक मानसिक दृष्टिकोण आपके ठीक होने में तेजी लाता है। एक बारी एक बस में मैं दो अंधे किशोरों से मिला । वह अंधे होने के बावजूद खुश थे। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि स्ट्रोक होने के बावजूद मैं कितना भाग्यशाली था।

24. कभी भी स्ट्रोक या टीबीआई के लिए खुद को दोष न दें

यह कभी न सोचें कि आपने स्ट्रोक या टीबीआई को खुद अपने सर लिया । जीवन में दुर्भाग्यपूर्ण चीजें होती हैं। मुझे स्ट्रोक या टीबीआई क्यों हुआ ? उस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं है। ईश्वर आपको जीवन में जो कुछ भी देता है, उसे ले लो, और नई आपदाओं से निपटने के लिए अपनी पूरी कोशिश करो। उन चीजों के बारे में चिंता न करें जो आपके नियंत्रण से बाहर हैं। उन चीजों के बारे में  सोचें जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं। जैसे कि आप अपने पुनर्वास को कंट्रोल कर सकते हैं । ऐसी चीजों पर ज्यादा सोचेंऔर कोशिश करें ।

25. अपने दोस्तों के साथ अपनी बातचीत को न बदलें

अपने दोस्तों के साथ वैसा ही व्यवहार करने की कोशिश करें जैसा आप स्ट्रोक या टीबीआई से पीड़ित  होने से पहले करते थे। मेरे अभी भी  पुराने दोस्त हैं। और कई नए और जवान दोस्त भी हैं। लोगों से मिलने जुलने की कोशिश करें और अगर किसी को प्रोत्साहित कर सकें तो और भी बढ़िया है।

26. अपने शौक रखें

मुझे अंतरराष्ट्रीय यात्रा  अच्छी लगती है। मैंने अपने स्ट्रोक के बाद लगभग बीस देशों का दौरा किया। जब जरूरी था तो मैंने व्हीलचेयर भी किराए पर ली और कुछ   सामूहिक  दौरों  को छोड़ा भी । समूह में जाने से यह नुकसान होता है कि आप की धीमी गति के कारण ग्रुप के दूसरे लोगों को असुविधा होती है। टूर गाइड पर दबाव होता है कि वह एक निश्चित गति से समूह को आगे बढ़ाएं।अन्य लोगों के शेड्यूल का ध्यान रखने में कोई बुराई नहीं है। 

27. आपको यह साबित करना पड़ सकता है कि आप काम कर सकते हैं

स्ट्रोक या टीबीआई के बाद आपको दोबारा अपने काम करने की क्षमता को दिखाना पड़ सकता है और इसमें कोई बुराई भी नहीं है ।  मैंने अपने डॉक्टर्स के ग्रुप को लेक्चर दिया अपने विश्वविद्यालय को दिखाने के लिए कि मैं अभी भी पढ़ा सकता हूं । अगर आप काम नहीं कर सकते हैं तो शायद कुछ देशों में आप विकलांगता लाभों के लिए  कोशिश कर सकते हैं।

28. जब आप व्यायाम करते हैं तो आप हमेशा सुधार करते हैं

हालांकि आपका सबसे ज्यादा सुधार स्ट्रोक के 6 महीने से 2 वर्षों के बीच में होता है क्योंकि इस दौरान मस्तिष्क  ठीक हो रहा होता है, लेकिन यह भी सच है कि जब तक आप कोशिश करते रहेंगे , फिजियोथैरेपी करते रहेंगे, एक्सरसाइज करते रहेंगे आप की स्थिति में सुधार होता रहेगा। और अगर आप यह सब रोक देते हैं तो हो सकता है कि आपका सुधार ना सिर्फ कम हो जाए बल्कि आपकी स्थिति बिगड़ भी जाए। एक कहावत है कि इस्तेमाल करो या गँवा दो।हमारा मस्तिष्क भी इसी सिद्धांत पर काम करता है।

29. आपके पास क्या विकल्प है ?

स्ट्रोक या टीबीआई से हुई क्षति  से मस्तिष्क को पहले की तरह नहीं बनाया जा सकता है । “भगवान मेरे साथ अन्याय क्यों कर रहे हैं?” सोचने से कुछ नहीं होगा । आप अपना या अपने प्रियजनों का ख्याल रखते हुए थक रहे हैं ऐसा सोचते रहने से  भी कुछ नहीं होगा। आपको इस संकट का मुकाबला करना ही होगा और इसकी सबसे ज्यादा जिम्मेवारी और  सामर्थ्य (कैपेबिलिटी) भी खुद आप में ही है । स्ट्रोक जीवित बचे लोगों और उनके देखभाल करने वालों के लिए समान रूप से बुरा है। अपने सबसे अच्छे दोस्त बनें और अपने देखभाल करने वालों को भी समझें और उनकी स्थिति का भी ख्याल करें !

30. स्ट्रोक और टीबीआई के मरीज़ों की स्थिति को समझना मुश्किल है

लोगों से यह उम्मीद न करें कि वह समझ पाएंगे कि आप की क्या स्थिति है।  कोई भी बीमारी जिसको होती है वही जानता है । एक स्ट्रोक या टीबीआई इतना जीवन बदल देती है कि कोई दूसरा स्ट्रोक या टीबीआई का मरीज ही आपके संघर्षों को थोड़ा समझ पाए। लेकिन लोगों से आपको सहानुभूति या मदद की आवश्यकता हो सकती है, इसके लिए अपने संघर्षों को उनके साथ साझा करने से  हिचकिचाएं नहीं।

31. आपके सबसे सुखदायक शब्द आपके डॉक्टरों से आते हैं

जब मेरे एवीएम ( AVM) को ठीक करने के लिए “गामा नाइफ सर्जरी” ( Gamma Knife Surgery) के बाद मेरे न्यूरोसर्जन ने मुझसे कहा, “आप सामान्य हैं, आपको दूसरा स्ट्रोक होने की संभावना उतनी ही है जितनी कि मेरी, और इसके बाद सिर्फ मेरे को हेलो करने के लिए आए” –  यह मेरे लिए सुनहरे शब्द थे। सकारात्मक विचार और सलाह रिकवरी को बढ़ाते हैं। हमेशा आशावादी रहें।

32. अंत में, आपको स्ट्रोक के बाद अपने नए शरीर को स्वीकार करना होगा

एक स्ट्रोक या टीबीआई के बाद आपको अपने शरीर को और नई स्थितियों को स्वीकार भी करना होगा ।  आपके कुछ अंग शायद कम काम करें , शायद आप चलने और सोचने में थोड़े धीमे हो धीमे और शायद आप पहले की तरह ऊर्जावान नहीं रहें। लेकिन आपको धैर्य रखना होगा। कड़ी मेहनत करो और प्रार्थना करो। समय एक मरहम लगाने वाला है। अपनी रिकवरी को दिनों और हफ्तों में नहीं बल्कि महीनों और सालों में मापें। हर दिन आप प्रगति करते हैं और ठीक हो जाते हैं, लेकिन प्रयास करने के लंबे समय के बाद रिकवरी यानी कि सुधार  साफ देखने योग्य हो सकता है। आपके पास एक सामान्य, कार्यात्मक जीवन  हो सकता है लेकिन धीमी गति से। नई वास्तविकता को पहचानें। 

संपादक के नोट्स: यह यह लेख दिल से और स्पष्ट लफ्जों में ऐसे व्यक्ति से लिखा गया है जो कि स्वयं प्रभावित है और खुद ठीक होने के साथ-साथ दूसरों को प्रेरित करने के लिए   भी  प्रयास कर रहा है।  हो सकता है सभी पहलू सब पर लागू नहीं हो । कृपया कोई भी नया आहार/कार्यवाही  या चिकित्सा प्रणाली शुरू करने से पहले अपने उपचार करने वाले चिकित्सक से जरूर चर्चा करें।

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* Be fast – Stroke Symptoms in English with Videos of Actual Strokes

* स्ट्रोक (आघात) – हिंदी में कुछ जानकारी
* स्ट्रोक-के-साधारण-लक्षण
* In Bengali – Be Fast – দ্রুত !

* In Gujarati – જ્યારે સ્ટ્રોક આવે ત્યારે BE FAST
* In Marathi – BE FAST स्ट्रोक होतो तेव्हा !
* In Odiya – ଷ୍ଟ୍ରୋକ: ମୃତ୍ୟୁ ଅଥବା ଶାରୀରିକ/ମାନସିକ ଅସମର୍ଥ

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